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चंदन की खेती में किन बातों का रखें ध्यान?

चंदन के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, ऐसे में इसे लगाते वक्त ये ध्यान रखें कि इसे निचले इलाके में न लगाएं. चंदन के पैधों के साथ होस्ट का पौधा लगाना जरूरी होता है क्योंकि ये परजीवी पौधा है जो अकेले सर्वाइव नहीं कर सकता. चंदन के ग्रोथ के लिए होस्ट का पौधा लगाना जरूरी होता है क्योंकि ये परजीवी पौधा है जो अकेले सर्वाइव नहीं कर सकता. चंदन के ग्रोथ के लिए होस्ट का होना जरूरी है. 

 

कब लगा सकते हैं चंदन का पेड़?

चंदन का पेड़ आप कभी भी लगा सकते हैं. लेकिन पौधा लगाते वक्त इस बात का ख्याल रखें कि पौधा दो से ढ़ाई साल का हो. इससे फायदा ये होगा कि इसे आप किसी भी मौसम में लगा सकते हैं, ये खराब नहीं होगा. 

चंदन के पौधे लगाने के बाद इसके आस-पास साफ सफाई का खास ख्याल रखना होता है. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि इसकी जड़ों के पास पानी का जमाव न हो. इसलिए इसे निचले इलाकों में लगाने से परहेज करना चाहिए. बरसात के मौसम में पानी के जमाव से बचने के लिए आप इसकी मेड़ को थोड़ा ऊपर रखें ताकी पानी का जमाव जड़ के पास न हो. चंदन के पौधों को हफ्ते में 2 से 3 लीटर पानी की जरूरत होती है. जानकारों के मुताबिक चंदन के पेड़ को पानी के लगने से ही बीमारी होती है. ऐसे में अगर किसान इसे पानी से बचा लें तो इसमें कोई बीमारी नहीं लगती.

भूनिर्माण
हम किसानों से अनुरोध करेंगे कि वे पौधे लगाने से पहले जैविक खाद डालें |शुरू में फसल की वृद्धि के समय खाद की जरुरत पड़ती है। लाल मिट्टी के 2 भाग, खाद के 1 भाग और बालू के 1 भाग को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
आकाशीय बिजली
हर पौधे के लिए प्रकाश बहुत आवश्यक है। हमने वृक्षारोपण को इस तरह से डिजाइन किया है कि हर पौधे को सूरज से सीधे प्रकाश मिलता है
पानी

चंदन के पौधों को कम पानी की जरूरत होती है। हम किसान से निवेदन करेंगे कि निचले इलाकों में पेड़ न लगाएं

सिंचाई

चंदन के लिए सिंचाई बहुत आवश्यक है| चंदन की खेती करते समय, चंदन के पौधे को पहले साल में सबसे अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। पहले साल में पौधों के इर्द-गिर्द की खरपतवारको हटाना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो दूसरे साल भी साफ-सफाई करनी चाहिए। किसी भी तरह का पर्वतारोही या जंगली छोटा कोमला पौधा हो तो उसे भी हटा देना चाहिए।

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